नीम करोली बाबा का जीवन और 10 चेोकाने वाले रहस्य।

हैलो दोस्तों आज हम जानेंगे बिसवी सतब्दी के उस महान संत के बारे मे जिनका नाम नीम करोली बाबा है, जिनको हनुमान जी का अवतार भी माना जाता है। और हम बात करेंगे नीम करोली बाबा का जन्म कब हुआ था और ये बिसवी सतब्दी के एक महान संत कैसे बने

और इनके पारिवारिक जीवन और इनकी प्रारम्भिक जीवन कैसा रहा और क्यों इनको हनुमान जी का अवतार कहा जाता है। और साथ ही ये भी जानेंगे की इनकी कैंची धाम ( उत्तराखण्ड ) इतना पापुलर क्यों है और इसका क्या रहस्य है ?

दोस्तों इस विस्तृत लेख मे हम आपको इनके बारे मे अनेकों रहस्य और इनके जीवन के संबंधित बहुत से टॉपिक पर बड़े ही विस्तार से चर्चा करेंगे।

और मैं दावा करता हु की आपको आपको यह आर्टिकल पढ़ने के बाद आपको नीम करोली बाबा के जीवन से संबंधित कोई भी प्रश्न आपके मन मे नहीं रहेगा, तो चलिए जानते है इस महान संत के बारे मे पूरे विस्तार से।

नीम करोली बाबा की कहानी

लोगों का मानना है की नीम करोली बाबा को 17 वर्ष की आयु मे ही बहुत ज्ञान प्राप्त हो गया था और लोगों का ये भी मानना है की इनके गुरु स्वयं महाबली हनुमान जी थे।

इनको भारत के अलग अलग हिस्सों मे अलग अलग नाम से जाना जाता था जैसे गंजम के माँ तारा तारड़ी शक्ति पीठ की यात्रा मे इनको वहा के लोगों द्वारा चमत्कारी बाबा और हनुमानजी के नाम से जाना जाता है उसके बाद ये भारत के अनेकों स्थानों का भ्रमण कर चुके थे।

लोगों का ये भी मानना है की नीम करोली बाबा एक बार ट्रेन मे सफर कर रहे थे और उनके पास ट्रेन का टिकट न होने के कारण टीटी ने उन्हे पकड़ लिया और बल की आपके पास टिकट न होने के कारण आपको अगले स्टेशन पर उतरना होगा,

और बाबा को ट्रेन से उतार दिया गया और बाबा जिस स्टेशन पर उतरे थे उस स्टेशन का नाम नीम करोली था क्योंकि इसके पास का गाव भी नीम करोली के नाम से जाना जाता था।

बाबा को उतरते ही ड्राइवर ने गाड़ी को जैसे ही आगे बढ़ाने की कोशीश किया गाड़ी एक इंच भी आगे नहीं बढ़ी क्योंकि बाबा ने ट्रेन के पास धरती पर बैठ गए और एक चिमटे को धरती पर खड़ा कर दिए।

ट्रेन संचालक के बहुत प्रयाश के बाद भी ट्रेन आगे नहीं बढ़ी तब ट्रेन मे बेटहे लोगों द्वारा बोला गया की ये बाबा का अपमान का नतीजा है जिसके कारण गाड़ी आगे नहीं बढ़ रही है

तभी वहा के बड़े अधिकारियों के द्वारा जो बाबा से परिचित थे उन्होंने बाबा से माफी मांग और टीटी ड्राइवर भी बाबा से माफी मांगा और बाबा को सम्मानपूर्वक ट्रेन मे बैठाया गया।

उसके बाद ट्रेन चलने लागी तब यह के स्टेशन के नाम पर इनका नाम नीम करोली बाबा रखा गया और ये इसी नाम से पूरे देश मे प्रसिद्ध हो गए।

नीम करोली बाबा का जीवन और 10 चेोकाने वाले रहस्य।
नीम करोली बाबा
नीम करोली बाबा की कुछ सामान्य जानकारी जो आपको जरूर पद्धनी चाहिए। 

पूरा नाम - लक्ष्मी नारायण शर्मा

जन्म - लगभग 1900 ( अकबरपुर जिला फीरोजाबाद, उत्तर प्रदेश )

पिता का नाम - दुर्गा प्रसाद शर्मा

पेसा - हनुमान जी की भक्ति

मृत्यु - 11 सितंबर 1973, वृंदावन उत्तर प्रदेश

नीम करोली बाबा का जन्मदिन कब है ?

नीम करोली बाबा का जन्म लगभग 1900 के आस पास उत्तर प्रदेश के अकबरपुर जिला फीरोजाबाद मे एक धनी ब्राह्मण परिवार मे हुआ था। इनका प्रराम्भिक नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था। और इनके पिता का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था।

इनके पिता जी ने इनका विवाह 11 वर्ष की आयु मे हि कर दिया था तब इन्होंने साधु बनने के लिए अपना घर त्याग दिया फिर कुछ समय बाद अपने पिता के अनुरोध पर घर वापिश आ गए और वैवाहिक जीवन जीने लगे तब ये एक बेटी और दो बेटों के पिता बने।

इसके बाद बाबा नीम करोली उत्तराखंड के नैनितल के पास कैंची धाम मे 1971 मे अपने मित्र के साथ मिलकर वह पर एक आश्रम डालने का निर्णय लिया जिसके बाद इन्होंने अपने आश्रम का स्थापना 1964 मे किया।

नीम करोली बाबा ने अपने शरीर का त्याग वृंदावन उत्तर प्रदेश मे 11 सितंबर 1973 मे किया माना जाता है कैंची धाम मे इनका दर्शन करने के लिए विदेशों से भी श्रद्धालु आते थे।

नीम करोली बाबा के चमत्कार।

नीम करोली बाबा ने बहुत से ऐसे चमत्कार कीये थे जिनको देखकर लोगों को इनके प्रति और भी भक्ति और विश्वास बढ़ गया जिसमे पनि को घी मे बदल देना,और एक बार ट्रेन मे यात्रा करते समय बाबा के पास टिकट नहीं था

जिससे टीटी ने इनको नीचे उतार दिया तब बाबा ने पूरी ट्रेन को रोक दिया था। और ये भी माना जाता है की बाबा ने एक बार अपने श्रद्धालुओ को अपने सिने पर भगवान भोलेनाथ का रूप दिखाया था जिसको देख इनके श्रद्धालु बहुत ही हैरान हो गए। और एक बार बाबा ने मरे हुए इंसान को जीवनदान दिया था जिसको देख कर लोग आश्चर्यचकित रह गए।

नीम करोली बाबा की मृत्यु कैसे हुई ?

नीम करोली बाबा की मृत्यु की बात करे तो इनकी मृत्यु 11 सितंबर 1973 को वृंदावन के एक अस्पताल मे हुआ था ऐसा खा जाता है की मधुमेह की वजह से इनका मृत्यु हुआ था और इनकी समाधि वृंदावन मे ही बनाई गई और वह उनकी प्रिय वस्तुए रखा गया।

नीम करोली बाबा क्यों प्रसिद्ध है ?

लोगों का मानना था की नीम करोली बाबा कलयुग मे हनुमान जी के अवतार है और यह भी मालूम था की बाबा के पास अनेकों प्रकार की दिब्य और चमत्कारी शक्तीया और सिध्दीया थी जिससे इहोने बहुत से चमत्कार कीये थे जिसके कारण ये दुनिया भर मे बहुत ही प्रसिद्ध है।

नीम करोली बाबा के दरबार मे एप्पल कॉम्पनी के फाउंडर स्टीव जॉब्स, हालीवूड के चर्चित अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स और फेसबूक के फाउंडर मार्क ज़ुकरबर्ग भी इनका दर्शन करने गए थे जिससे ये दुनिया भर मे और भी प्रसिद्ध हो गए।

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नीम करोली बाबा मंदिर नैनीताल

नीम करोली बाबा का जीवन और 10 चेोकाने वाले रहस्य।
नीम करोली बाबा मंदिर नैनीताल

उतराखंड के नैनीताल मे स्थित नीम करौली बाबा मंदिर इतना प्रसिद्ध है की यह पर देश बिदेश से लोगों का भीड़ इक्कठा होती है जो दर्शन के लिए आते है इस मंदिर मे श्री महाबली हनुमान जी का एक मंदिर भी स्थित है और उसी मे बाबा नीम करोली का भी मंदिर है जो अत्यंत लोकप्रिय है।

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FAQs

Q- नीम करोली बाबा क्यों प्रसिद्ध है ?

नीम करौली बाबा को कलयुग मे हनुमान जी का रूप मन जाता है और इनके पास अनेकों दिब्य और चमत्कारी शक्तिया थी जिससे उन्होंने अनेकों प्रकार के चमत्कार कीये थे जिसके कारण ये प्रसिद्ध थे ।

और फेसबूक के मालिक ( मार्क ज़ुकरबर्ग ), एप्पल के मालिक ( स्टीव जॉब्स ) के साथ साथ हलीवूड की प्रसिद्ध अभिनेत्री ( जूलिया रॉबर्ट्स ) भी यह आए थे। जिससे ये देश के साथ साथ विदेसों मे प्रसिद्ध हो गए।

Q- नीम करोली बाबा के कितने बच्चे थे ?

नीम करोली बाबा के बच्चों की बात करे तो इनके तीन बच्चे है जिसमे दो पुत्र और एक पुत्री है। इनके पत्रों का नाम अनेग सिंह शर्मा और धर्म नारायण शर्मा है।

Q- नीम करोली बाबा ने हनुमान चालीसा के बारे में क्या कहा था ?

नीम करोली बाबा का कहना था की हनुमान चालीसा को पढ़ने से बहुत से लाभ है जो इस प्रकार है, हनुमान चालीसा को पढ़ने से सारा दुख दूर हो जाता है और इच्छा की पूर्ति होती है और मन संत होता है।

और बाबा का ये भी कहना है की हर इंसान को हनुमान चालीसा जरूर पढ़नी चाहिए। और इनका कहना है हनुमान चालीसा पढ़ने वाले ब्यक्ति को काभी भी गलत काम नहीं करना चाहिए और किसी भी स्त्री को गंदी निगाहों से नहीं देखना चाहिए।

Q- कैंची धाम एक नाम क्यों है ?

मंदिर पर जाने वाली सड़क का आकार कैंची की तरह है इसलिए इस धाम का नाम कैंची धाम पड़ा जो बहुत ही प्रसिद्ध है।

Q- कैंची धाम के पीछे की कहानी क्या है ?

उतराखंड के नेनितल मे स्थित कैंची धाम दुनिया भर मे बहुत ही प्रसिद्ध है एस मन जाता है की यह से कोई भी खाली हाथ लोट कर नहीं जाता कहा जाता है की यहा पर आने वाले श्रद्धालुओ की मनोकामना जरूर पूरी होती है और उनके दुख दूर हो जाते है।

Q- नीम करोली बाबा कब जाना चाहिए ?

आपलोगों मे से कई लोगों की इच्छा होगी की नीम करोली बाबा का दर्शन करने जरूर जाना चाहिए तो चलिए हम आपको बताते है की नीम करौली बाबा का दर्शन कब करना चाहिए बाबा के दर्शन के लिए आप मार्च और जुन उसके बाद सितम्बर से नवम्बर के बीच यह पर मोसम बहुत ही आकर्षक होता है।

Q- नीम करोली बाबा किसकी पूजा करते थे ?

नीम करोली बाबा भगवान हनुमान की सबसे ज्यादा आराधना करते थे जिससे इनपर हनुमान जी की सिद्धीया प्राप्त थी जिससे ये लोगों का कल्याण करते थे। और हनुमान जी को ये अपना गुरु मानते थे। नीम करोली बाबा ने पूरे देश मे 108 हनुमान मंदिर बनवाए थे।

निष्कर्ष

दोस्तों हमने आपको नीम करोली बाबा बारे मे पूरे विस्तार से बताया जिसमे हमने चर्चा किया की कब इनका जन्म हुआ, इनके पिता का क्या नाम था और इनका जन्म स्थान कोन सा है, और ये कैंची धाम कब आए और कैसे इन्होंने अपने आश्रम की स्थापना किया और इनको लोग हनुमान जी का अवतार क्यों मानते है

और इन्होंने कितने चमत्कार किया, बहुत से सवालों का विस्तार से चर्चा किया गया है इस लेख मे और हमने ये भी बताया की इनकी मृत्यु कैसे हुई और इनसे जुड़ी बहुत सी बाते तो दोस्तों अगर आपको यह ब्लौग पसंद आया हो तो आप इसको ज्यादा से ज्यादा शेयर करे और कोई भी सवाल आपके मन मे हो तो कमेन्ट मे जरूर पूछे हम आपके सवालों के जवाब जल्द से जल्द देने की कोसिस करेंगे।

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